सदर विधायक ने मानसून सत्र में उठाया पुलिस भुठभेड़, स्थानान्तरण, इंजीनियरिंग कालेज का मुद्दा

  1. सदर विधायक ने मानसून सत्र में उठाया पुलिस भुठभेड़, स्थानान्तरण, इंजीनियरिंग कालेज का मुद्दा

– मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्रियों ने दिये तारांकित और अतारांकित प्रश्नोें के जबाब

सनशाइन समय बस्ती से मनीष मिश्रा की रिपोर्ट

बस्ती। मानसून सत्र के दूसरे दिन सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने विधानसभा में तारांकित और अतारांकित प्रश्नोें के द्वारा पुलिस विभाग, बस्ती के निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कालेज और सिंचाई विभाग से जुड़े मुद्दे उठाये। उन्होने मुख्यमंत्री से पुलिस मुठभेड़ में मौंते, पुलिस अभिरक्षा में मौत, स्थानान्तरण प्रक्रिया से जुड़े प्रश्न उठाये जिसमें मुख्यमंत्री ने वर्ष बार आंकडो के तहत जानकारी दी। इसी क्रम में सदर विधायक महेन्द्र ने प्राविधिक शिक्षा ए.के. शर्मा से अतारांकित प्रश्न के तहत पूंछा कि जनपद बस्ती के हथियागढ़ में निर्माणाधीन राजकीय इंजीरियरिंग कालेज का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के 3 वर्षों बाद भी अधूरा है, यदि हां, तो क्या सरकार उक्त निर्माण कार्य को पूर्ण करते हुए कालेज को संचालित करने की कोई समय सीमा निर्धारित करेगी? इसके उत्तर में प्राविधिक शिक्षा मत्री ने बताया कि भूमि का आंशिक भाग विवादित होने के कारण निर्माण बाधित रहा था। डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को सहयुक्त कालेज बनाकर राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, बस्ती के पठन-पाठन का कार्य इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, लखनऊ में संचालित कराया जा रहा है।
सदर विधायक महेन्द्र ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री से पूंछा कि प्रदेश के प्राइवेट माध्यमिक स्कूलों द्वारा छात्रों से मनमानी फीस व अन्य सुविधाओं के नाम पर धन उगाही को रोकने हेतु फीस निर्धारित करने पर क्या सरकार विचार करेगी , इस पर विभागीय मंत्री ने जबाब में बताया कि प्रदेश में संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शुल्क निर्धारण हेतु उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 एवं उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अधिनियम, 2020 प्रभावी है।
सदर विधायक महेन्द्र ने जल शक्ति मंत्री से पूंछा कि जनपद बस्ती के श्रीपालपुर में स्थित भीखी राम रामदेव राम चेरिटेबल ट्रस्ट बस्ती की अधिग्रहीत भूमि पर सिंचाई विभाग द्वारा जल निकासी हेतु नाले का निर्माण कार्य किया जा चुका है, किन्तु उक्त भूमि का मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। इस पर विभागीय मंत्री ने उत्तर में कहा है कि भुगतान की आवश्यकता नहीं है। मनौरी नाला एक प्राकृतिक नाला है।
सदर विधायक महेन्द्रनाथ ने यह जानकारी देते हुये बताया कि उनका पूरा प्रयास है कि जनता ने उन्हें जो अवसर दिया है वे सभी आवश्यक मुद्दे सदन में उठाये जाय। उनका यह क्रम जारी रहेगा। प्रयास होगा कि जनहित के अधिकतम कार्य बस्ती सदर में क्रियान्वित कराये जाय।

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