बसपा तहस-नहस करना चाहती है दलितों का वोट, वोट का फैसला अब दलितों को सोच समझ कर करना होगा

बसपा तहस-नहस करना चाहती है दलितों का वोट, वोट का फैसला अब दलितों को सोच समझ कर करना होगा

रिपोर्ट जितेन्द्र कुमार अपराध संवाददाता सनशाइन समय

बस्ती। बसपा सुप्रीमो मायावती को समझना किसी के बस की बात नहीं रह गई है, बसपा से टिकट लेकर चुनाव प्रचार करने वालों की अटकी रहती है सांसे, कब और किस् वक्त बसपा अपने प्रत्याशी का टिकट काट कर दूसरों को दे दे कुछ नहीं कहा जा सकता, ऐसा ही मामला बस्ती जिले में हुआ है जहां पर बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे दयाशंकर मिश्र को जोरदार झटका उस वक्त लगा जब नामांकन करने पहुंचे लवकुश पटेल ने मीडिया के सामने सबको चौंका दिया, राष्ट्रीय दैनिक सनशाइन समय समाचार पत्र इस बात की पुष्टि नहीं करता है की लवकुश पटेल को बसपा के सिंबल से टिकट दिया गया है, लेकिन चर्चाओं की माने तो लवकुश पटेल ने बताया की बसपा के टिकट पर पर्चा भरा हू, बहुजन समाज पार्टी के अब दलित वोटरों को बेच देना बसपा सुप्रीमो की आदत सी बन गई है, जिसकी जिम्मेदार स्वयं मायावती जी है मसलन अब बसपा चुनाव लड़ती नहीं है बल्कि खेला बिगाड़ती है, लवकुश पटेल पूर्व सदर विधायक नंदू चौधरी के सुपुत्र है लवकुश पटेल बस्ती कलेक्ट पहुंचकर अपना बसपा से पर्चा दाखिल किया। यही हाल जौनपुर बसपा प्रत्याशी धनंजय सिंह की पत्नी श्री काला के साथ ऐसा ही हुआ है, निर्वाचन से जुड़े मामलों को माना जाए तो जब किसी को किसी पार्टी से प्रत्याशी बनाया जाता है तो फॉर्म भी को भरा जाता है, जो प्रत्याशी पहले से नामांकन किया रहता है अगर उसी पार्टी के सिंबल से कोई दूसरा प्रत्याशी पर्चा दाखिल करता है तो पहले प्रत्याशी का पर्चा खारिज माना जाता है, जब पार्टी दूसरे प्रत्याशी को फार्म भी का पर्चा देती है तो पहले प्रत्याशी का पर्चा निरस्त करते हुए दूसरे प्रत्याशी का पर्चा बैद्य कर दिया जाता है और पहले प्रत्याशी का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया जाता है, ऐसा ही बस्ती जिले में खेल हो गया क्या अब दलित वोटरों को साधने की साजिश चल रही है।

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