वन विभाग के रहमदिली और शाह पर कट रहे हैं हरे भरे प्रतिबंधित बृक्ष,वनाधिकारी बने अन्जान
सनशाइन समय गोन्डा से विजय कुमार
गोन्डा जनपद में लगातार कटान जारी है शायद ही कोई दिन हो जब जनपद क्षेत्र में कटानन हो तो वहीं जन चर्चा का विषय यह भी की क्या अवैध कटान की जानकारी स्थानीय वन दरोगाओ और वनरक्षको को भी रहती है।यही नहीं कटान की सूचना देने पर सूचनार्थियो का डिटेल लकड़कट्टो को दे दिया जाता है।फिर क्या लकड़कट्टो द्वारा सूचनादाताओ पर दबाव बनाया जाता है और जब सूचनादाता नहीं मानते तो सम्बंधित वन दरोगा और वनरक्षक लकड़कट्टो से कार्यवाही न करने के नाम पर ठेका तक ले डालते हैं फिर वन कर्मियों का शुरू होता है खेल दो पर केश काट कर पीठ थपथपा कर प्रभागीय वनाधिकारी सहित सूचनादाता को दिया जाता है धोखा यही नहीं लकड़कट्टो के द्वारा काटे गए अवैध प्रतिबंधित बृक्षो के काष्ठों को सूचना के बाद भी उठवा दिया जाता है।हाल ही में जानकारी मिली की वन क्षेत्र पंडरी कृपाल रेन्ज में लगातार 3 हरे भरे आम को लकड़कट्टो द्वारा धाराशाई कर काष्ठों को उठा ले गये इतने पर भी लकड़कट्टो का मन नहीं भरा तो उसी के पास 7 बृक्ष और काट कर धाराशाई कर दिया जिसकी सूचना पर वन दरोगा मौके पर कटान से इन्कार कर रहे थे रेन्ज अधिकारी पंडरी कृपाल से शिकायत के बात मौके पर गये तो कटान पर कार्यवाही के नाम पर केवल 7 बृक्षो के नाप कर लाये यह जानकारी वन दरोगा छुपाये रखा और केवल दो बृक्ष को प्रतिबंधित बता कर केश काटने की बात कही परन्तु लकड़कट्टो ने वन विभाग की पोल खोल दी यही नहीं कटान के सम्बन्ध में पूर्व में ही जानकारी वन कर्मियों को देकर काटने की बात कही है तो वहीं वन कर्मियों द्वारा नाममात्र कार्यवाही कर लकड़कट्टो को बचाने की वकालत करते वन कर्मी नजर आते हैं तो मिलीभगत का गंभीर आरोप सत्य प्रतीत होता दिख रहा है।इस तरह के लगातार कटान से प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यशैली पर भी सवाल उठता है कि कहीं न कहीं प्रभागीय वनाधिकारी गोन्डा पंकज शुक्ला की पकड़ अपने विभाग पर नहीं है जो इस तरह से वन कर्मियों के मनबढ़ होने अंकुश लगा सके।