मत्स्य उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि तथा स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे – सीडीओ

मत्स्य उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि तथा स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे – सीडीओ

पट्टा समाप्त होने वाले तालाबों का पुनः पट्टा समय से सुनिश्चित कराये उप जिलाधिकारी – एडीएम

सनशाइन समय बस्ती से मनीष मिश्रा की रिपोर्ट

बस्ती। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्र के अनुमोदन के लिए सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुयी। अपने सम्बोधन में उन्होने कहा कि मत्स्य उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि होंगी तथा स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। इसमें मछुआरों के कल्याण एवं नयी तकनीक आधारित परियोजनाए सम्मिलित है।
उन्होने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय सहायता के रूप में महिला एवं अनुसूचित जाति व जनजाति को 60 प्रतिशत तथा अन्य वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। उन्होने कहा कि मत्स्य गतिविधियों में सक्रिय 18 से 70 वर्ष के महिला व पुरूष मत्स्य पालक को दुर्घटनाजनित मृत्यु अथवा पूर्ण स्थायी निःशक्तता की दशा में 05 लाख रूपये का बीमा की सुविधा दी गयी है। आंशिक निःशक्तता की दशा में 2.50 लाख रूपया एवं आकस्मिक अस्पताल खर्च हेतु 25 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।
उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लगभग 28 हेक्टेयर के 75 तालाबों का निजी भूमि पर निर्माण कराया जायेंगा। मीठे जल में 27 बायोफ्लाक तालाबों का निर्माण कराया जायेंगा, 03 जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र स्थापित किए जायेंगे, 02 टन प्रतिदिन क्षमता वाली लघु मत्स्य आहार मिल 02 स्थापित किए जायेंगे, सजावटी मछली कियास्क महिला के लिए 01 यूनिट की स्थापना की जायेंगी। 32 आईस बाक्स के साथ साइकिल तथा 11 मोटरसाइकिल लाभार्थियों को अनुदान पर दी जायेंगी ताकि वे घूम-घूमकर मछली बेच सकें। इसके अलावा 03 आईस बाक्स के साथ थ्रीव्हीलर भी लाभार्थियों को दिया जायेंगा।
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत मत्स्य पालन हेतु 47 तथा मत्स्य बीज बैंक की स्थापना के लिए 01 आवेदन मानक के अनुरूप पाया गया है। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में मत्स्य पालन हेतु प्रथम वर्ष निवेश के लिए 12 लाभार्थियों का चयन किया गया।
एडीएम कमलेश चन्द्र ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि पट्टा समाप्त होने वाले तालाबों का पुनः पट्टा समय से सुनिश्चित कराये। इसके अतिरिक्त मनरेगा से विकसित तालाबों का पट्टा भी करायें। इसकी सूची संबंधित खण्ड विकास अधिकारी से प्राप्त करें। बैठक का संचालन मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य विकास अभिकरण संदीप वर्मा ने किया। इसमें एसीएमओ डा. फखरेयार हुसेन, उप जिलाधिकारी जी.के. झा, आशुतोष तिवारी, अधिशासी अभियन्ता सरयू नहर खण्ड-4 राकेश कुमार गौतम, पीडी राजेश कुमार झा, डीसी मनरेगा संजय शर्मा, एई लघु सिंचाई गरिमा द्विवेदी, मत्स्यपालक गण उपस्थित रहें।

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