भ्रष्ट मुंशीयों के विरुद्ध शिकायती पत्र देकर समाजसेवी ने किया निष्कासन की मांग

भ्रष्ट मुंशीयों के विरुद्ध शिकायती पत्र देकर समाजसेवी ने किया निष्कासन की मांग

भ्रष्ट मुंशीयों का निष्कासन न होने की दशा में समाजसेवी का कल से बेमियादी धरने का ऐलान

सनशाइन समय बस्ती से पवन वर्मा की रिपोर्ट

बस्ती। हर्रैया तहसील के भ्रष्ट मुंशीयों के विरुद्ध शिकायती पत्र उपजिलाधिकारी को देते हुए उनके निष्कासन की मांग करते हुए आज समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने बताया कि हर्रैया तहसील में प्राइवेट मुंशीयों में भ्रष्टाचार इस कदर कायम है कि शायद भगवान भी आ जायें तो बिना पैसा दिये समय से काम नहीं करा सकते तहसील के मुंशी राममणि, पिंकू व छोटेलाल से मैं खुद तंग आ चुका हूं। उन्होंने बताया कि पहले तो हम फरियादियों को जल्दी न्याय नहीं मिलता किसी तरह मिल भी जाय तो आदेश का नकल बिना मुंशी को भेंट चढ़ायें नही मिल पाता जनता के दर्द का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मैं प्राया: जिले के ज्वलंत मुद्दों को लेकर संघर्ष कर आम जनता को मैं न्याय दिलाता हूं, किन्तु खुद महीनों से तहसील का चक्कर लगा रहा हूं, लिए गये रजिस्टर्ड बैनामे के विरुद्ध दाखिल आपत्ति में पहले तारीख पर तारीख मिलता रहा न्याय नहीं मिला तो हमने सहरायें की जमीन हेतु हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया फलत: हाईकोर्ट के निर्देश पर न्याय मिला किन्तु खतौनी तहसील के मुंशी छोटेलाल राममणि व पिंकू हीलाहवाली के चलते नहीं मिला जिसको लेकर किये गये शिकायत पर नायब तहसीलदार सदर के फटकार के बाद भी त्रुटिपूर्ण खतौनी जारी हुआ, कारण रिश्वत न पाने से खार खाये मुंशी जो कि बाबू का भी काम देखते हैं खतौनी में बैनामे की तिथि की जगह दूसरी तिथि दर्ज कर दिये जिसपर पुनः मेरे प्रार्थना पत्र पर संशोधन करते हुए नायब तहसीलदार हर्रैया सदर ने संशोधन आदेश पारित किया फलत: सही खतौनी तो मिली किन्तु आज तक आदेश व आपत्ति की नकल नहीं मिला‌। उक्त आदेश हेतु हमने ही नहीं नकल बाबू प्रभूनाथ भी कई बार नकल जारी करने हेतु फाईल लेने गये तो एक मुंशी ने दूसरे के पास बताकर मामला टाल दिया उन्होंने सवाल खड़ा किया कि यदि फाइल तहसील में है तो उसकी नकल आज तक क्यों नहीं यदि फाइल नहीं है तो किस नियम अधिकार या किसके आदेश से फाइल मुंशी लेकर गायब रहते हैं। कहीं अधिकारी व बाबू मुंशी के जरिए अपनी जेब तो नहीं भर रहे हैं। यदि नहीं तो ऐसे भ्रष्ट मुंशी से त्रस्त तहसील की जनता को न्याय दिलाने हेतु निष्कासन की कार्यवाही क्यों नहीं हो रहा है। क्या प्राइवेट मुंशी रखने का कोई नियम है तो ये किसके अधीन काम करते हैं इनके न्यायिक कार्य में अवरोधक व लूट पर नियन्त्रण कौन करेगा। चंद्रमणि पाण्डेय ने मांग किया कि आदेश व आपत्ति की नकल शीघ्र दिलाने के साथ-साथ न्यायिक कार्य में अवरोधक ऐसे भ्रष्ट मुंशीयों पर कठोर कार्यवाही करते हुए तत्काल निष्कासित किया जाय अन्यथा की दशा में मैं उपजिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख बेमियादी धरने पर बैठूंगा।

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